प्रवाह तालिका (Flow Chart) बनाने के नियम
प्रवाह तालिका बनाने के नियम
प्रवाह तालिका का निर्माण एक टरमिनल सिम्बल स्टार्ट से प्रारम्भ होता है । प्रवाह तालिका में प्रवाह ऊपर से नीचे एवं बाएं से दायीं ओर होना चाहिए । दो विभिन्न क्रियाएं, किसी एक प्रश्न के दो सम्भावित उत्तरों पर निर्भर करती हैं । ऐसी परिस्थिति में प्रश्न को एक निर्णय चिन्ह में प्रदर्शित करते हैं तथा इन परिस्थितियों को निर्णय चिन्ह से निकलने वाली दो प्रवाह रेखाओं द्वारा जो कि चिन्ह से बाहर की ओर आ रही हैं, प्रदर्शित करते हैं । निर्णय चिन्ह में एक प्रवाह रेखा आनी चाहिए और सभी सम्भावित उत्तरों के लिए पृथ्क रेखा होनी चाहिएं । 
प्रत्येक चिन्ह में दिए गए निर्देश स्पष्ट एवं पूर्ण होने चाहिए ताकि उसे पढ़कर समझने में कठिनाई न हो । प्रवाह तालिका में प्रयुक्त नाम एवं परिवर्तनांक एक रूप होने चाहिएं ।यदि प्रवाह तालिका बड़ी हो गई है और उसे अगले पृष्ठ पर भी बनाया जाना है तो प्रवाह तालिका को इन्पुट अथवा आउटपुट सिम्बल पर ही तोड़ना चाहिए तथा उपयुक्त कनेक्टर का प्रयोग करना चाहिए । प्रवाह तालिका जहां तक सम्भव हो अत्यन्त साधारण होनी चाहिए । प्रवाह रेखाएं एक-दूसरे को काटती हुई नहीं होनी चाहिएं । यदि ऐसी परिस्थिति आती है तो उपयुक्त कनेक्टर का प्रयोग करना चाहिए । प्रोसेस सिम्बल में केवल एक ही प्रवाह रेखा आनी चाहिए और एक ही प्रवाह रेखा निकलनी चाहिए । नीचे से ऊपर की ओर जाने वाली प्रवाह रेखा या तो किसी विश्लेषण की पुनरावृत्ति अथवा लूप को प्रदर्शित करनी चाहिए ।

About Admin MC3
This is dummy text. It is not meant to be read. Accordingly, it is difficult to figure out when to end it. But then, this is dummy text. It is not meant to be read. Period.
ConversionConversion EmoticonEmoticon